परिवर्तन
मोहित को ५ मिनिट भी कही मन एकाग्र करना बोहोत मुश्किल हो जाता था। और वह खुद भी नहीं समाझ पाता था के ऐसा क्यू होता है। ज्यादातर चीजों में उसे अनुरिचि नहीं थी I कभी कभी उसे ज्ञान प्राप्त करना व्यर्थ भी लगता था क्योंकि अब पाठशाला छोड़े काफी
मोहित को ५ मिनिट भी कही मन एकाग्र करना बोहोत मुश्किल हो जाता था। और वह खुद भी नहीं समाझ पाता था के ऐसा क्यू होता है। ज्यादातर चीजों में उसे अनुरिचि नहीं थी I कभी कभी उसे ज्ञान प्राप्त करना व्यर्थ भी लगता था क्योंकि अब पाठशाला छोड़े काफी